प्रबन्धक/संस्थापक की कलम से

प्रिय बच्चों,

हमने भी बचपन देखा है जब क्षेत्र के 20 किलोमीटर क्षेत्र में पढ़ने के लिए कोई विद्यालय नहीं था । हमने भी अपने बचपन की पढाई बड़ी मेहनत और समस्याओं से जुझते हुए पूरी की मगर हिम्मत नहीं हारी और शिक्षा के लिए मेरे कदम बढ़ते रहे । उस जमानें में कई परिवार ऐसे थे जिनके बच्चे घर से स्कूल की दूरी ज्यादा होने के कारण अपनी पढाई पूरी नहीं कर सके ।

उन्हें आज भी देखता हूँ तो मेरी आँख में आसू आ जाते हैं जिस समय मैं समस्याओं से जूझ रहा था तो उसी समय मैंने एक संकल्प किया था कि यदि मुझे जीवन में मौका मिला तो मैं सबसे पहले शिक्षा का एक ऐसा माहौल बनाऊंगा जहाँ सभी बच्चों को शिक्षा का सामान अवसर मिले और वे अपने जीवन पथ पर निरंतर आगे बढ़ सकें ।

बच्चों ! मुझे याद है जब 1977 में जून माह की तपती दोपहरी में मैंने प्राईमरी शिक्षा के लिए विद्यालय की आधारशिला रखी थी क्षेत्र के बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद एवं सहयोग मिला और वर्ष 1985 में ही यह प्राइमरी विद्यालय जूनियर हाईस्कूल बन गया तब से निरन्तर शिक्षा की घारा बह रही है ।

समय के साथ ही इस विद्यालय की प्रगति होती गयी और वर्ष 1994 में हाईस्कूल और वर्ष 1996 में इण्टरमीडिएट की मान्यता मिल गयी ।

मेरे मन में यह संकल्प था कि इण्टर तक की शिक्षा ठीक तो है लेकिन दुनिया की दौड़ में शामिल होने के लिए स्नातक की शिक्षा आवश्यक है । इसी उद्देश्य से हमने वर्ष 2006 में श्री कशी चन्द्रदेव यादव महाविद्यालय, हाजीपुर, बम्हौर, आजमगढ़ की स्थापना की । इस विद्यालय में इस समय विज्ञान एवं कला विषयों की पढाई इस पावन संकल्प के साथ शुरू किया है कि -
हमारे क्षेत्र के बालक-बालिकओं को उच्च शिक्षा के लिए कहीं सुदूर न जाना पड़े और मेरे बच्चे यहीं उच्च शिक्षा ग्रहण करें तथा रोजगार के साथ-साथ क्षेत्र के नाम रोशन करें ।

इन्ही शुभकामनाओं के साथ

आपका
श्री चन्द्रदेव राम यादव (करैली)
संस्थापक/प्रबन्धक
श्री कशी चन्र्ददेव यादव स्नातकोत्तर महाविद्यालय हाजीपुर, बम्हौर, आजमगढ़
एवं
पूर्व मंत्री, लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन, उत्तर प्रदेश